शहडोल में संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह , उपलब्धि पर गर्व, लेकिन बैठक व्यवस्था पर हंगामा
@shubhangi.namdeo✒️
शहडोल। शहडोल जिल गोहपारू विकासखंड के शासकीय आईटीआई परिसर में आयोजित संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह उस समय विवादों में घिर गया जब बैठक व्यवस्था को लेकर भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध जताया, कार्यक्रम की शुरुआत से ही नेताओं में असंतोष देखने को मिला और बात हंगामे तक जा पहुंची,नेताओं का आरोप था कि पब्लिक प्लेस में आयोजित कार्यक्रम में पर्याप्त कुर्सियों की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके चलते कई जनप्रतिनिधियों को खड़े रहना पड़ा, इससे नाराज होकर भाजपा नेताओं ने कार्यक्रम आयोजकों और अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया...
जिले के गोहपारू विकासखंड के शासकीय आईटीआई परिसर में शुक्रवार को संपूर्णता अभियान सम्मान समारोह एवं आकांक्षा हाट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संपूर्णता अभियान के तहत उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रतिभागियों, स्व-सहायता समूहों और विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया गया, समारोह में जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, सामाजिक संगठनों और बड़ी संख्या में ग्रामीणजनों की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का उद्देश्य आकांक्षी ब्लॉक गोहपारू में हुए सकारात्मक बदलावों को रेखांकित करना था। गौरतलब है कि संपूर्णता अभियान में शहडोल जिले को नीति आयोग की ओर से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। हाल ही में भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कलेक्टर डॉ. केदार सिंह और उनकी टीम को सिल्वर मेडल एवं प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया, शहडोल ने 6 प्रमुख सामाजिक संकेतकों में से 5 पर 100 प्रतिशत सैचुरेशन हासिल कर प्रदेशभर में अपनी अलग पहचान बनाई है। यह उपलब्धि जिले के संगठित प्रयास और समर्पण का परिणाम मानी जा रही है।
हालांकि, गोहपारू आईटीआई परिसर में आयोजित इस सम्मान समारोह में व्यवस्था को लेकर हंगामे की स्थिति भी बनी। बैठक व्यवस्था सही न होने पर भाजपा नेताओं ने नाराजगी जताई, नेताओं का आरोप था कि पब्लिक प्लेस में पर्याप्त कुर्सियां नहीं लगाई गईं, जिसके चलते कई नेताओं को असुविधा हुई। इतना ही नहीं, मंच पर बुढ़ार जनपद पंचायत उपाध्यक्ष की मौजूदगी और गोहपारू जनपद अध्यक्ष की अनुपस्थिति को लेकर भी आपत्ति जताई गई। कुछ देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा, लेकिन बाद में मामला शांत हुआ और कार्यक्रम संपन्न हो पाया।
इस पूरे विवाद ने न केवल कार्यक्रम की चमक फीकी कर दी, बल्कि यह भी सवाल खड़े कर दिए कि जब मंच और बैठक व्यवस्था जैसी बुनियादी तैयारियों में ही लापरवाही बरती जाएगी तो बड़े कार्यक्रमों की गंभीरता और गरिमा कैसे बरकरार रह पाएगी....
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