कबाड़ गाड़ी में खुद बैठी RTO अधिकारी, बच्चों को पहुंचाया सुरक्षित घर जब RTO बनी रक्षक...
शहडोल। स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए एक अधिकारी कहां तक जा सकता है, इसकी मिसाल बनी है शहडोल के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (RTO) अनपा खान शहर में स्कूली वाहनों की अनियमितताओं को लेकर सघन जांच अभियान चलाते हुए उन्होंने न केवल नियमों की अवहेलना कर रहे वाहनों को पकड़ा, बल्कि मानवीय संवेदनाओं का ऐसा परिचय दिया कि पूरा शहर तारीफ करता नहीं थक रहा....
अभियान के दौरान RTO खान ने देखा कि कई स्कूल बस, ऑटो, वैन व मैजिक वाहन न सिर्फ क्षमता से अधिक बच्चों को भरकर ला रहे थे, बल्कि उनमें न फर्स्ट-एड किट थी और न फायर सेफ्टी यंत्र बच्चों की जान के साथ हो रहे इस खिलवाड़ को देखते हुए उन्होंने सख्त कार्रवाई करते हुए कई वाहनों को जप्त कर जुर्माना ठोका....
लेकिन असली कहानी यहीं से शुरू होती है...
जप्त किए गए वाहनों में बैठे छोटे-छोटे बच्चे रोने लगे, उन्हें घर कैसे भेजा जाए, इस सवाल पर RTO अनपा खान ने जो किया वह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया। उन्होंने अपने निजी RTO वाहन को बच्चों के लिए लगाया, ताकि वे सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें।
और खुद क्या किया? एक कबाड़नुमा जब्त वाहन में बैठकर अपने ऑफिस लौट गए, इस अद्भुत कार्य का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग कह रहे हैं । ऐसे अधिकारी ही असली हीरो होते हैं, जो न केवल नियम लागू करते हैं, बल्कि संवेदना और मानवता की मिसाल भी कायम करते हैं।लोगों ने RTO अनपा खान को ग्राउंड पर उतरकर न्याय करने वाला अफसर और बच्चों का संरक्षक बताया है।
चेकिंग के दौरान मिले कई चौंकाने वाले तथ्य:
स्कूली वाहनों में क्षमता से दोगुने तक बच्चे ठूंसे गए, न फर्स्ट एड किट, न आग बुझाने वाले यंत्र
कई वाहनों के ड्राइवर बिना वैध दस्तावेजों के मिले, जप्त किए गए वाहन पूर्णतः जर्जर हालत में थे,
बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, नियम तोड़ोगे तो सख्त कार्रवाई तय है।यह खबर न सिर्फ एक अधिकारी की जिम्मेदारी को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब किसी पद पर संवेदनशील और निडर व्यक्ति होता है, तो बदलाव ज़रूर आता है।
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