सिंगापुर का रामजी और खतना का 'दयालु' के अगुवाई में जुए का महाकुंभ, पुलिस बनी मौन दर्शक, इस जुए में महाभारत की झलक, जुए मंगलसूत्र भी हार गया जुआरी, जुए से मौत का सिलसिला दोहराने की आशंका....

@black_and_white_desk✒️शहडोल। जिला मुख्यालय से सटे सिंहपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में इन दिनों ‘काली रातों’ का कारोबार पूरे शबाब पर है। ये कोई फिल्मी स्क्रिप्ट नहीं बल्कि शहडोल जिले में सच्चाई की वो तस्वीर है, जो कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही है। जंगलों में खुलेआम जुए का महाअड्डा संचालित हो रहा है, और हैरत की बात यह है कि इसकी भनक आम लोगों से लेकर जुआ प्रेमियों तक को है ।  लेकिन सिर्फ शहडोल पुलिस और प्रशासन इससे अंजान बना हुआ है।

जुए के ‘गुरु’ खतना  के दयालु का दबदबा

इस अवैध जंगल कसीनो का संचालन कोई सामान्य गिरोह नहीं बल्कि सतना के चर्चित जुआ मास्टरमाइंड ‘दयालु’ द्वारा किया जा रहा है, जिसे क्षेत्र में ‘जुआ पितामह’ के नाम से जाना जाता है। दयालु इन दिनों शहडोल के एक आलीशान होटल में डेरा जमाए बैठा है और यहीं से पूरे नेटवर्क का संचालन कर रहा है।

छत्तीसगढ़ से लेकर सतना तक फैला नेटवर्क

यह गुप्त लेकिन बेहद सक्रिय जुआ अड्डा केवल शहडोल तक सीमित नहीं है। धनपुरी, अमलाई, बुढार, कोटमा, सिंहपुर, उमरिया, कटनी, सतना से लेकर छत्तीसगढ़ के कोरबा, बेलगहना और पेंड्रा रोड तक के जुआ प्रेमी हर दिन इस 'कसीनो' में पहुंचते हैं। यह ‘फुल वैरायटी जुआ’ है ।  छूट, उधारी, दलाली और कमीशन पर जुआ खेलने की ‘फुल सुविधा’ दी जाती है।

जुए की बर्बादी – मंगलसूत्र तक हारे जुआरी

एक जुआरी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस 'माहौल' में अमलाई के एक आदिवासी युवक ने अपनी पत्नी का मंगलसूत्र तक हार दिया। विवाद की नौबत हाथापाई तक पहुंच गई। मामला थाना पहुंचने से पहले ही कथित रसूखदारों की मध्यस्थता में निपटा दिया गया।

खाकी संरक्षण में खेला जा रहा है 'बर्बादी का खेल'?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह जुआ अड्डा सिंहपुर थाना पुलिस की शह पर चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, कथित तौर सिंहपुर  पुलिस की मौन सहमति पर यह जुआ संचालित किया जा रहा है। ‘कथित जुआरी राम जी की कृपा’ और कुछ रसूखदारों के ‘संरक्षण’ में हर रात लाखों का नाल निकलता है, लेकिन पुलिस मौन है।

जुए से मौत का सिलसिला दोहराने की आशंका

गौरतलब है कि दीवाली के समय शहडोल मुख्यालय में जुए को लेकर हुए विवाद में दो लोगों की निर्मम हत्या हो चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन और पुलिस विभाग आंखें मूंदे बैठे हैं। सवाल ये उठता है कि क्या एक और लाश गिरने के बाद ही पुलिस जागेगी?

बड़े सवाल जो अब जवाब मांगते हैं
🔴1-सतना का 'दयालु' आखिर किसके संरक्षण में शहडोल में अपना साम्राज्य चला रहा है?
🔴2-सिंहपुर थाना प्रभारी और जिला पुलिस अधीक्षक को इस जुए की खबर क्यों नहीं?
🔴3-जब बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक इस अड्डे की जानकारी रखते हैं तो क्या पुलिस को जानबूझकर अनभिज्ञ रखा गया है?
🔴4-अगर यही हाल रहा तो क्या प्रशासन एक और ‘खूनी जुए की रात’ का इंतजार कर रहा है?

अब जनता पूछ रही है
क्या जंगल में चल रहा ये जुआ अड्डा अगली बड़ी हत्या का मंच है?और आखिर पुलिस की खामोशी का राज क्या है?

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