विश्व जैव विविधता दिवस पर उत्तर शहडोल वनमण्डल में विविध कार्यक्रम आयोजितस्थानीय जनभागीदारी से जैव विविधता संरक्षण को मिला प्रोत्साहन....
शहडोल। अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर उत्तर शहडोल वनमण्डल अंतर्गत विभिन्न वन परिक्षेत्रों में "जैव विविधता कल, आज और कल" विषय पर जागरूकता कार्यक्रमों, परिचर्चाओं और वृक्षारोपण गतिविधियों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रमों का आयोजन अजय कुमार पाण्डेय, वन संरक्षक, शहडोल वृत्त एवं सुश्री तरुणा वर्मा, वनमण्डलाधिकारी, उत्तर शहडोल के मार्गदर्शन में किया गया। परिचर्चाओं में उप वनमण्डलाधिकारी रेशम सिंह धुर्वे (ब्यौहारी) एवं श्री मुकुल सिंह ठाकुर (जयसिंहनगर) की प्रमुख भूमिका रही।
अमझोर, जयसिंहनगर, गोदावल, पूर्व और पश्चिम ब्यौहारी वन परिक्षेत्रों में ग्रामीणों, व्यापारियों, महिलाओं एवं बच्चों की उपस्थिति में जैव विविधता के महत्व, संरक्षण, पारंपरिक ज्ञान, एवं वर्तमान में वन क्षेत्र में हो रहे परिवर्तनों पर विचार साझा किए गए। अमझोर में आयोजित कार्यशाला में 35 प्रतिभागियों को जैव विविधता अधिनियम के तहत पंजीयन की जानकारी दी गई।
जयसिंहनगर के बीट में आयोजित परिचर्चा में 75 से अधिक ग्रामीण शामिल हुए। इसमें जंगलों की उपयोगिता, वन्यप्राणी संरक्षण, अवैध कटाई से हानि एवं पर्यावरणीय संतुलन पर चर्चा हुई। ग्रामीणों ने गाँव में सड़क और जल-प्रबंधन संबंधी सुझाव भी दिए।
गोदावल वन परिक्षेत्र के ग्राम सिमोड में वृक्षारोपण कर जैव विविधता संरक्षण पर जागरूकता बैठक की गई, वहीं पूर्व ब्यौहारी में अनहरा पंचायत भवन में वृक्षारोपण एवं बैठक के माध्यम से ग्रामीणों को जैव विविधता की महत्ता से अवगत कराया गया।
पश्चिम ब्यौहारी के ग्राम खैरा में सरपंच द्वारा वृक्षारोपण कर स्कूली बच्चों एवं ग्रामीणों को संबोधित किया गया। औषधीय पौधों एवं लघुवनोपज की विविधता पर विशेष चर्चा की गई।
कार्यक्रमों में लघुवनोपज से जुड़े व्यापारियों को पंजीयन प्रक्रिया की जानकारी दी गई और ग्रामीणों से अपील की गई कि केवल पंजीकृत व्यापारियों को ही लघुवनोपज बेची जाए। बिना पंजीयन के व्यापारियों के विरुद्ध कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
कार्यक्रमों में मानव-वन्यप्राणी संघर्ष के समाधान एवं सुरक्षा उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई। सभी कार्यक्रमों का समापन स्वल्पाहार एवं सहभागियों के आभार प्रदर्शन के साथ हुआ।
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