धरती के भगवान बनाम कानून के रखवाले: शहडोल में डॉक्टर और पुलिस आमने-सामने, मारपीट का मामला गर्माया....
@shubhangi.namdeo✒️
शहडोल। जिन दो पेशों को समाज में सबसे सम्मानजनक माना जाता है। डॉक्टर और पुलिस जब वही आमने-सामने आ जाएं, तो सवाल उठते हैं सिर्फ कानून और व्यवस्था पर नहीं, बल्कि मानवता पर भी , शहडोल जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र में बीती रात ऐसा ही एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया, जब नाइट ड्यूटी से लौट रहे डॉक्टर और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हो गई, जो देखते ही देखते जमकर मारपीट में बदल गई, हालांकि की डाक्टर के साथ हुई मारपीट की घटना के बाद अब डाक्टर अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है।
क्या है पूरा मामला...
जिला अस्पताल में पदस्थ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. कौशलेंद्र द्विवेदी शुक्रवार देर रात ड्यूटी पूरी कर अपने घर लौट रहे थे। जैसे ही वह ITI के समीप अपने निवास के पास पहुंचे, वहां रात्रि गश्त कर रही सोहागपुर पुलिस टीम ने उन्हें रोक लिया और देर रात सड़क पर मौजूद होने का कारण पूछा, इसी बात को लेकर कहासुनी हुई और बात बढ़कर हाथापाई तक पहुंच गई, आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने डॉ. द्विवेदी की पत्नी और पिता के सामने ही उन्हें बेरहमी से पीटा और फिर उन्हें थाने ले जाकर भी उनकी पिटाई की गई,घायल डॉक्टर को बाद में शहडोल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
डॉक्टर की आपबीती
डॉ. द्विवेदी का कहना है कि वह सिर्फ अपना कर्तव्य निभाकर घर लौट रहे थे, जब उन्होंने पुलिस को यह बताया, तो पुलिसकर्मी उल्टा उनके साथ अभद्रता करने लगे और फिर बेवजह मारपीट पर उतर आए, डॉक्टर का आरोप है कि थाने में भी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया...
पुलिस का पक्ष
शहडोल एसपी रामजी श्रीवास्तव का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर से सिर्फ इतनी रात में सड़क पर खड़े होने का कारण पूछा था, जिस पर कथित रूप से डॉक्टर ने अभद्रता की और फिर हाथापाई शुरू हो गई। उन्होंने स्वीकार किया कि इस दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट संभव है। हालांकि, अभी तक डॉक्टर की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं आई है, लेकिन जांच जारी है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
चिकित्सा समुदाय नाराज
इस घटना से नाराज़ डॉक्टरों ने जिलेभर में विरोध शुरू कर दिया है। सभी चिकित्सकों ने इस अमानवीय बर्ताव की घोर निंदा करते हुए प्रशासन को चेतावनी दी है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर उन्हें सुरक्षा नहीं मिलती, तो वे हड़ताल करने को विवश होंगे। शनिवार को डॉक्टरों ने कमिश्नर और आईजी को ज्ञापन सौंपते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
जनता में उठे सवाल
इस घटना ने आमजन के मन में कई सवाल खड़े कर दिए है। क्या अब रात में ड्यूटी कर लौटने वाला डॉक्टर भी संदिग्ध माना जाएगा? क्या पुलिस का पूछताछ करने का तरीका अब डंडों और थप्पड़ों में बदल गया है। शहडोल की यह घटना न केवल कानून व्यवस्था के चेहरे पर सवालिया निशान लगाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वर्दी और सेवा के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है। अब देखना है कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है। या फिर यह मामला भी जांच की भूलभुलैया में गुम हो जाएगा।
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